खतरे में गंगा की डॉल्फिन

गंगा की डॉल्फिन खतरे में है. सरकार ने इसे राष्ट्रीय जल जीव घोषित कर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की है. भारत सरकार इसकी रक्षा के लिए समर्थन जुटाना चाहती है. सरकार का मानना है कि इस कदम से युवा पीढ़ी में डॉल्फिन के संरक्षण और उन्हें बचाए रखने की भावना जागेगी, मगर असलियत यह है कि जिन लोगों पर इसे बचाने और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी है, वही अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे हैं. भागलपुर के पास बना विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभ्यारण्य सुल्तान गंज से कहलगांव तक 50 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. यह एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां गंगा की विलुप्त हो रही डॉल्फिनों को संरक्षित और बचाने की पहल की गई है. यह अभ्यारण्य वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और भारतीय संगठनों का मिलाजुला प्रयास है. सरकारी दस्तावेजों में गंगा डॉल्फिन को बचाने की मुहिम तेज कर दी गई है, लेकिन डॉल्फिनों का शिकार बंद नहीं हो रहा है. हाल ही में बिहार में गंगा नदी के किनारे चार डॉल्फिनें मरी पाई गईं. शिकारियों ने इन्हें पहले जाल में फंसाया, फिर इन्हें तब तक पीटा, जब तक इनकी म...